क्रेडिट कार्ड प्लास्टिक या मेटल से बना आयताकार कार्ड होता है। यह डेबिट कार्ड (एटीएम कार्ड) के जैसा ही दिखता है। इसे सरकारी और प्राइवेट बैंक जारी करते हैं।
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल सामान खरीदने और सर्विस के पेमेंट के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इसकी कुछ शर्तें होती हैं। आमतौर पर क्रेडिट कार्ड का 40 दिन का बिल साइकल होता है। इस दौरान कोई ब्याज़ नहीं लगता है।
हालांकि, इसके लिए ज़रूरी है कि उस दुकानदार के पास क्रेडिट कार्ड के जरिए पैसा लेने की सुविधा हो। क्रेडिट कार्ड से कैश भी लिया जा सकत है। हालांकि, इसकी ब्याज़ दर काफी ज़्यादा होती है।
क्रेडिट कार्ड की ब्याज़ दर आमतौर पर किसी दूसरे लोन के मुकाबले ज़्यादा होती है।
इसका इस्तेमाल कम समय के लिए उधार लेने के लिए किया जा सकता है।
कुछ क्रेडिट कार्ड सालाना सर्विस चार्ज लेते हैं। हालांकि, कई मामलों में बैंक पूरे साल में एक तय सीमा से ज़्यादा खर्च करने पर सर्विस चार्ज माफ कर देते हैं। वहीं, कुछ बैंक सलाना सर्विस चार्ज नहीं लेते हैं।
क्रेडिट कार्ड कई तरह के होते हैं और इनमें मिलने वाली सुविधाएं और शर्तें अलग-अलग हो सकती हैं।
कुछ क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड प्वाईंट देते हैं। इसका इस्तेमाल कई जगहों पर किया जा सकता है। जैसे कि रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप पर छूट लेने के लिए, कोई सामान या सर्विस लेने के लिए, एयरपोर्ट पर लाउंज सुविधा लेने के लिए, बस, ट्रेन, फ्लाइट, होटल या मूवी टिकट बुक करने के लिए वगैरह।
क्रेडिट कार्ड में बिल चुकाने के लिए दो तरीके हैं: पहला, आप पूरा बिल एक साथ पेमेंट कर सकते हैं। दूसरा, आप बिल को ईएमआई में बदल सकते हैं। आमतौर पर ईएमआई पर ब्याज़ देना पड़ता है, जो 18% तक हो सकता है।
क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर नहीं चुकाने पर आपको ब्याज़ के साथ-साथ पेनाल्टी वगैरह देनी पड़ सकती है। साथ ही, इससे आपका CIBIL स्कोर भी खराब होता है। ऐसा होने पर आपको आगे लोन लेने में दिक्कत हो सकती है।
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व्यक्ति की उम्र 18 साल या उससे ज़्यादा होना चाहिए
वह भारत का नागरिक हो
उसका क्रेडिट स्कोर 700 या उससे ज़्यादा हो
आपकी निश्चित कमाई या सैलरी बैंक खाते में आता हो (यह अलग-अलग बैंक के हिसाब से बदल सकता है)
पैन कार्ड
आधार कार्ड
बैंक स्टेटमेंट
ऑफिस से मिला परिचय-पत्र
आप आम तौर पर तीन तरीके से क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं।
आप किसी भी बैंक की वेबसाइट या उसके मोबाइल ऐप पर जाकर शर्तें, सर्विस चार्ज और ब्याज दर जानने के बाद अपनी ज़रूरत के हिसाब से क्रेडिट कार्ड का चुनाव करें।
आमतौर पर क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने के दौरान पैन कार्ड नंबर देना होता है। इसके बाद, बैंक आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करती है। इस दौरान आपके नंबर पर एक ओटीपी मिलता है।
इसे आपको वेबसाइट या ऐप में डालना होगा।
क्रेडिट कार्ड और क्रेडिट लिमिट अप्रूव होने के बाद आपको आगे की प्रोसेस के लिए बैंक स्टेटमेंट,आधार कार्ड वगैरह देना पड़ सकता है।
एक हफ्ते से महीने भर के भीतर आपको क्रेडिट कार्ड और उसका पिन नंबर अलग-अलग कूरियर से आपके पते पर भेज दिया जाता है। आप चाहें तो ऑनलाइन भी क्रेडिट कार्ड का पिन जनरेट कर सकते हैं। इसके अलावा आप वर्चुअल क्रेडिट कार्ड भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
आप चाहें, तो बैंक के एजेंट के जरिए क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं। आपके पैन कार्ड नंबर, आधार कार्ड और कंपनी के नाम जैसी कुछ जानकारी लेने के बाद एजेंट कंफर्म करेगा कि आपको क्रेडिट कार्ड मिल सकता है या नहीं।
साथ ही, आप यह भी पता कर सकते हैं कि क्रेडिट लिमिट कितनी होगी। किसी एजेंट से प्रोसेस शुरू करने से पहले पक्का कर लें कि वह फर्जी न हो।
इसके अलावा, सीधे बैंक जाकर भी आप क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
मान लें कि आपका क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट हर महीने के 5 तारीख को बनता है। इसका मतलब है कि इसमें वे सभी लेन-देन(ट्रांजैक्शन) शामिल होंगे जो इसके पिछले महीने के 6 तारीख से इस महीने के 5 तरीख तक किया गया है। इन सभी खर्च को ‘Outstanding amount’ कहते हैं।
इनमें शामिल हो सकते हैं:
क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई रकम
कैश एडवांस (अगर एटीएम के जरिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके निकाला गया हो>)
बैलेंस ट्रांसफ़र
ब्याज़
फीस
वहीं, जिस महीने क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट बना है उस महीने के 5 तारीख के बाद कार्ड से किया गया ट्रांजैक्शन और Outstanding amount दोनों को जोड़ने पर यह Unbilled amount के तौर पर दिखेगा।
क्रेडिट कार्ड से करीब 40 दिनों के लिए उधार लिया जा सकता है। हर क्रेडिट कार्ड की एक क्रेडिट लिमिट होती है। इस लिमिट से ज्यादा खर्च क्रेडिट कार्ड से नहीं किया जा सकता है। क्रेडिट लिमिट व्यक्ति की कमाई, क्रेडिट स्कोर वगैरह से तय होती है। क्रेडिट कार्ड का ब्याज दर करीब 16 प्रतिशत होती है।
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तीन तरीके से क्रेडिट कार्ड का बिल पेमेंट किया जा सकता है:
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