किसानों को साहूकारों के ब्याज के चंगुल से छुटकारा दिलवाने के लिए भारतीय सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत अगर आप क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो लोन लेने के ब्याज की दर लगभग 2% तक कम हो जाती है।
साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड योजना में यह सुविधा भी दी जाती है कि लोन को चुकाने का समय फसल की कटाई या बेचने के बाद का ही रखा जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसान 3 साल के अंदर अंदर लगभग 5 लाख तक का लोन ले सकते हैं। इस योजना की शुरुआत किसने को खेती से जुड़ी हुई जरूर बताएं जैसे खाद कीटनाशक आदि मुहैया करवाने के लिए की गई है। इसमें सालाना 4% की दर में लोन मिल जाता है।
इसके कुछ विशेषताएं इस प्रकार से हैं:
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ब्याज की 2.00% से 4.00% तक रहती है जो साहूकारों से मिलने वाले उधार के मुकाबले बेहद कम है।
इस योजना में अगर किसान 1.60 लाख रुपये तक की लोन राशि लेना चाहते हैं तो वह बिना किसी सिक्योरिटी/ सुरक्षा के प्रदान की जाती है।
किसान क्रेडिट कार्ड में एक और फायदा है कि यह किसानों को फसल बीमा योजना भी प्रदान की जाती है जिसमें
स्थायी विकलांगता और मृत्यु पर 50,000 रुपये तक दिए जाते हैं।
अन्य जोखिमों के मुकाबले 25,000 रुपये किसान को दिए जाते हैं।
लोन को चुकाने का समय किस की फसल की कटाई और उसे बेचने के समय पर ही आधारित होता है। उससे पहले लोन राशि का पुनर्भुगतान करने की ज़रूरत है नहीं पड़ती है।
अगर किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड अकाउंट में पैसा बचाते हैं तो उसे पर उन्हें बहुत ही अच्छी ब्याज दर के साथ ब्याज भी दिया जाता है। किसान अपने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) अकाउंट में बचत पर उच्च ब्याज दर प्राप्त करते हैं।
अगर लोन लेने के बाद किस सही समय पर भुगतान कर देता है तो सरल ब्याज दर के तहत ही चार्ज लगाया जाता है। सही समय पर भुगतान न करने पर चक्रवर्ती ब्याज लगाया जाता है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना NABARD (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) द्वारा रेगुलेट की जाती है। इसकी तरफ से बैंकों को कुछ शर्तें पालन करने को कहा जाता है और निर्धारित की गई थी और भारत के सभी प्रमुख बैंकों द्वारा इसका पालन किया गया है।
KCC देने वाले कुछ मुख्य बैंक इस प्रकार से हैं:
| बैंक का नाम | क्रेडिट सीमा | इंटरेस्ट रेट |
|---|---|---|
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भारतीय स्टेट बैंक(SBI) |
किसान की ज़रूरत और क्फसल के उत्पादन के हिसाब से |
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Axis बैंक |
फसल उगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन, फसल उत्पादन और फाइनेंश स्केल के अनुसार |
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HDFC बैंक |
जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के हिसाब से |
औसत APR 10.08% |
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बैंक ऑफ इंडिया(BOI) |
जिस भूमि पर खेती होगी, क्रॉप पैटर्न और फाइनेंश स्केल के हिसाब से |
बैंक द्वारा दी गई ब्याज दर |
इनके अलावा को-ऑपरेटिव बैंक, ग्रामीण बैंक, नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ़ इंडिया आदि भी वह कार्ड प्रदान करते हैं।
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खेती-किसानी,खेती से जुड़ा कोई कार्य, मछलीपालन और पशुपालन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति किसान क्रेडिट कार्ड लेने का पात्र है।
किसान अपनी, किसी और की जमीन पर खेती करता हो तो भी इसका लाभ ले सकता है।
अकेला किस या फिर किसी के साथ मिलकर खेती-बाड़ी का काम करने वाला किस इसके योग्य है।
18 साल से साल के बीच का किसान।
किसान की उम्र 60 साल से अधिक है तो एक को-अप्लीकेंट भी लगेगा, जिसकी उम्र 60 से कम हो।
किसान के फॉर्म भरने के बाद बैंक कर्मचारी देखेगा कि आप इसके लिए योग्य हैं या नहीं।
पशुपालन और मछलीपालन भी इसके तहत 2 लाख रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा।
पट्टेदारी पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसान।
KCC के लिए अप्लाई करने का तरीका इस तरह से है:
सबसे पहले आपको किसान क्रेडिट कार्ड के लिए एप्लीकेशन जमा करवानी पड़ती है। बहुत सी बैंक यह एप्लीकेशन ऑनलाइन सबमिट करवाने की सुविधा भी प्रदान करते हैं।
ऑनलाइन एप्लीकेशन आप आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर डाउनलोड कर सकते है।
एक बार एप्लीकेशन भर जाने के बाद आपको ऐसे लोन अधिकारी के पास जमा करवाना होता है।
भरने सभी डिटेल्स को अच्छी तरह से वेरीफाई करने के बाद लोन ऑफीसर किसान क्रेडिट कार्ड लोन की सीमा को निर्धारित करेगा।
अगर 1.60 लाख से अधिक का लोन अमाउंट अप्लाई कर रहे हैं तो आपसे सिक्योरिटी मांगी जाएगी।
किसान को प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनका किसान क्रेडिट कार्ड मिलेगा।
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किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए लोन की अधिकतम अवधि 5 साल है।
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