प्रधानमंत्री आवास योजना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई थी; ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 2022 (भारतीय स्वतंत्रता के 75वें वर्ष) तक सभी भारतीयों के पास रहने के लिए घर हो। यह मिशन “सबके लिए आवास’’ योजना पर आधारित है।
इस योजना के तहत सरकार द्वारा चार कार्यक्षेत्र उपलब्ध कराए गए हैं ताकि यह उन सभी लोगों की ज़रूरतों को पूरा कर सके जो अपना खुद का आवास चाहते हैं।
आवास, भोजन और वस्त्र इन्सान की मूल आवश्यकताएँ हैं। भारत जैसे विकासशील देश में, अधिकांश जनसंख्या इन तीन आवश्यकताओं, विशेषकर बुनियादी आवास, से वंचित है। इस समस्या से निपटने के लिए, भारत सरकार द्वारा 1 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई थी।
इसका उद्देश्य ये है कि 2022 तक भारतीय जनसंख्या को किफायती आवास प्राप्त हो। यह एक ऋण-आधारित सब्सिडी योजना पर आधारित है। इस योजना के तहत, घर बनाने या खरीदने के लिए ऋण के ब्याज पर सब्सिडी दी जाती है।
कुछ विशिष्ट वर्ग हैं जिन पर ये योजनाएँ लागू होती हैं, जैसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न-आय वर्ग (LIG), और मध्यम आय वर्ग (MIG)। आम तौर पर ये वे लोग होते हैं जिन्हें सहायता की आवश्यकता होती है, और इसलिए सरकार का लक्ष्य इनके लिए लाभ प्रदान करना है।
आइये आगे इस स्कीम के लाभ और पात्रता के बारे में जानें।
भारत में लगातार घर और ज़मीन की कीमतें बढ़ रही हैं। इसी का मुकाबला करने के लिए ये स्कीम शुरू की गई है, जिससे मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग के परिवारों के लिए घर खरीदना थोड़ा आसान हो सके।
ऊपर हमने जिन वर्गों की बात की है, उनके लिए 2 करोड़ घर बनाना इस स्कीम का उद्देश्य है। ये ऋण लेने वाले लोगों को ऋण के ब्याज पर सब्सिडी मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत चार कार्यक्षेत्र हैं -
'इन-सीटू' पुनर्विकास
ऋण-लिंक्ड सब्सिडी
भागेदारी में किफायती आवास
लाभार्थी के घर का सुधार और निर्माण
प्रधानमंत्री आवास योजना के दो प्रकार हैं। यह योजना आम तौर पर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवास और धन की विभिन्न आवश्यकताओं के आधार पर बनाई जाती है।
इसमें देश भर के शहरी क्षेत्र शामिल हैं और इसके अंतर्गत 4,200 से ज़्यादा शहर आते हैं। इसके अंतर्गत आने वाले कुछ स्थानीय निकाय हैं: शहरी विकास प्राधिकरण (अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी), विकास क्षेत्र (डेवलपमेंट एरिया), अधिसूचित योजना (नोटिफ़िएड प्लानिंग), आदि। ये सभी ज़रूरतमंद निवासियों को स्वीकृत घर, पूर्ण घर और अधिभोग वाले घर उपलब्ध कराने की दिशा में काम करते हैं।
पहले यह योजना इंदिरा आवास योजना के नाम से जानी जाती थी। इसका उद्देश्य ज़रूरतमंदों को स्थायी आवास के निर्माण के लिए किफायती घर उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों को 1.2 लाख रुपये और पहाड़ी, समस्याग्रस्त क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वाले लोगों को 1.3 लाख रुपये की धनराशि दी जाती है। इससे ग्रामीण आबादी की स्थिति में सुधार होगा और समग्र विकास होगा।
समाज के वंचित वर्गों की मूल ज़रूरतों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थापना की गई थी। इस स्कीम ने समाज के कई ज़रूरतमंद और वंचित वर्गों को घर उपलब्ध कराए हैं। आइये इस योजना के कुछ लाभ के बारे में जानें -
यह योजना इस प्रकार डिज़ाइन की गई है कि मलिन बस्तियों में रहने वाले ज़्यादातर लोगों को सब्सिडी मिले। देश के विभिन्न शहरों में झुग्गियों में लोग काफ़ी कठिन हालातों में रहते हैं। इसलिए, ऐसी योजनाएँ झुग्गियों में रहने वालों और गरीबी रेखा (पावर्टी लाइन) से नीचे रह रहे लोगों की मदद करें और उन्हें एक बेहतर जीवन जीने में सहायता करें।
भारत में बेरोज़गारी और कम वेतन के कारण काफी लोग परेशान हैं। इन समस्याओं के कारण उनको रोटी, कपड़ा, और मकान जैसी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ता है।
इसलिए, सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना एक बड़ी समस्या, यानी आवास की दिक्कत को खत्म करने या कम करने की दिशा में काम करती है। शहरों और गांवों में पक्के मकान बनाने में मदद करके, सरकार देशवासियों के ज़िन्दगी के स्टैण्डर्ड को बेहतर बनाना चाहती है।
प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, घरों को लोगों की ज़रूरतानुसार बांटा गया है। अलग-अलग समूहों को उनकी आय और सामाजिक वर्ग के आधार पर विभाजित किया गया है। इससे सरकार के लिए फंड अलॉट करना सरल हो जाता है।
सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर बनाने के लिए कम या सब्सिडी वाली ब्याज दरों पर ऋण दिया है। यह क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी सिस्टम पर काम करती है। इस योजना के तहत ऋण लेने वालों को ब्याज पर अच्छी खासी छूट मिलती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) महिलाओं को होम लोन लेने के लिए प्रोत्साहित करती है। योजना के तहत, विवाहित पुरुष को अपनी पत्नी का नाम ऋण आवेदनकर्ता के रूप में जोड़ना होता है। इससे पत्नी का आर्थिक भविष्य सुनिश्चित होता है। इससे सामज में महिलाओं को बढ़ावा मिलेगा और उनकी सामाजिक स्थिति सुधरेगी।
इस योजना के तहत घर बनाने में इको-फ्रेंडली सामान और निर्माण का तकनीक इस्तेमाल होता है। इससे पर्यावरण पर भार कम होता है। इसके अलावा, कंस्ट्रक्शन से होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण को कम करने के उपाय भी किए गए हैं। घर टिकाऊ और अच्छे क्वालिटी वाले सामग्री से बनाए जाते हैं, जिससे घर की मरम्मत और पुनर्निर्माण की ज़रूरत कम पड़ती है।
भारत में बेरोज़गारी इतनी ज़्यादा है की जो भी काम उत्पन्न होता है, वो एक वरदान की तरह ही होता है। जब इतने सारे घर बनाये जायेंगे तो मजदूरों की ज़रूरत भी पड़ेगी। इससे कई बेरोज़गारों को कमाई का मौका मिलेगा।
केवल आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) के अंतर्गत आने वाले लोग प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के सभी चार वर्टिकल के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए एलिजिबल हैं। लेकिन जो वर्टिकल उनकी ज़रूरतों के लिए सबसे उपयुक्त हो, उसी के तहत लोन ले सकते हैं।
हालांकि, निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG) की श्रेणी के लोग केवल क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के घटक के तहत ही एलिजिबल हैं।
केंद्रीय नोडल एजेंसियाँ बैंकों/अन्य योग्य वित्तीय संस्थानों द्वारा लाभार्थियों को सब्सिडी वितरित करती हैं। यह राशि मुख्य ऋण राशि से घटा दी जाती है। तो, EMI सिर्फ बचे हुए राशि पर लागु होगी।
उदाहरण: मान लीजिये की आपने ₹8 लाख का ऋण लिया है और उस पर सब्सिडी ₹2.20 लाख है। यह राशि (2.20 लाख रुपये) पूरे ऋण से घट जाएगी और आपको सिर्फ ₹5.80 लाख पर ही ईएमआई का भुगतान करना पड़ेगा।
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