एक निश्चित समय के लिए दिया जाने वाला उधार या ऋण टर्म लोन कहलाता है। बैंक और वित्तीय संस्थान व्यक्तिगत ज़रूरतों, व्यापार विस्तार आदि के लिए टर्म लोन देते हैं।
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टर्म लोन की चुकौती (पुनर्भुगतान) अवधि आमतौर पर 8 साल होती है, लेकिन उधारकर्ता की जरूरतों और लोन के प्रकार के आधार पर पुनर्भुगतान समय कम या ज्यादा भी हो सकती है।
टर्म लोन व्यवसायों, उद्योगों और कंपनियों को उनके नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) को बेहतर ढंग से प्रबंधित (मैनेज) करने में मदद करता है। इस लोन पर ब्याज लगता है और इसे नियमित किश्तों में चुकाना होता है। टर्म लोन की शर्तें, ब्याज दरें और इसे चुकाने की अवधि विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों में अलग-अलग हो सकती है।
शॉर्ट टर्म लोन | इंटरमीडिएट टर्म लोन | लॉन्ग टर्म लोन |
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आमतौर पर 12 से 18 महीने के लिए दिया जाने वाला लोन शॉर्ट टर्म लोन (अल्पावधि ऋण) कहलाता है। |
इंटरमीडिएट टर्म लोन (मध्यवर्ती अवधि ऋण) में लोन चुकाने के लिए अधिक समय मिलता है। |
लॉन्ग टर्म लोन (दीर्घकालिक ऋण) की अवधि 3 साल से लेकर 30 साल तक हो सकती है। |
कुछ ऋणदाता इसे 84 महीने तक भी दे सकते हैं। |
आमतौर पर यह 84 महीने से अधिक समय के लिए दिया जाता है। |
आमतौर पर इन लोन की ब्याज दरें अपेक्षाकृत कम होती हैं। इन्हें आसान किश्तों में चुकाया जा सकता है। |
यह लोन उन लोगों के लिए होता है, जिन्हें जल्दी पैसों की ज़रूरत होती है। |
यह लोन उन व्यवसायों के लिए होता है, जिनकी वित्तीय ज़रूरतें अधिक होती हैं। |
इस लोन की मदद से व्यक्ति एक बार में ही अधिक पैसे ले सकते हैं। |
उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी को अपने खर्चे चुकाने या जल्द से जल्द काम शुरू करने के लिए तुरंत पैसे चाहिए, तो वह अल्पावधि ऋण ले सकती है। |
जैसे अगर किसी व्यवसाय को नई मशीनरी खरीदनी है या बड़े पैमाने पर निवेश करना है, तो वे इस प्रकार का लोन ले सकते हैं। |
यदि किसी कंपनी या व्यक्ति को अपना नया काम शुरू करना है, अपना व्यापार बढ़ाना है, तो वह लॉन्ग टर्म लोन ले सकता है। |
सिक्योर्ड लोन (सुरक्षित लोन) | अनसिक्योर्ड लोन (असुरक्षित लोन) |
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किसी संपत्ति या वस्तु को गिरवी रखकर लिया गया लोन सिक्योर्ड लोन कहलाता है। |
इस तरह के लोन में उधारकर्ता को किसी प्रकार के कोलैटरल या गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होती। |
इस तरह के लोन को कोलैटरल लोन भी कहते हैं। गिरवी रखी संपत्ति को कोलैटरल कहते हैं। |
इस तरह का लोन जल्दी स्वीकृत हो जाता है और इसमें कागजी कार्रवाई भी बहुत कम होती है। |
कोलैटरल के रूप में कोई भी मूल्यवान वस्तु रखी जाती है जैसे मशीन, कार, रियल एस्टेट (ज़मीन या घर) या अन्य महत्वपूर्ण चीजें। इस तरह के लोन में ऋणदाता का पैसा सुरक्षित रहता है। |
क्योंकि इसमें कोई गिरवी नहीं होती, इसलिए ऋणदाता को अधिक जोखिम उठाना पड़ता है। |
यदि उधारकर्ता लोन नहीं चुकाता है, तो ऋणदाता गिरवी रखी गई संपत्ति को बेचकर अपना पैसा वसूल कर सकता है। |
इस कारण सिक्योर्ड लोन की तुलना में अनसिक्योर्ड लोन की ब्याज दरें आमतौर पर अधिक होती हैं। |
इन दोनों प्रकार के लोन की विशेषताएं और ब्याज दरें उधारकर्ता की स्थिति, लोन राशि और जोखिम के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं।
किसी व्यक्ति, व्यवसाय या कंपनी को कितने पैसों की जरूरत है? उसे कितना लोन चाहिए आदि के आधार पर बैंक या वित्तीय संस्थान उधारकर्ता की साख और वित्तीय स्थिति की गहन जांच करते हैं।
बैंक सबसे पहले यह देखते हैं कि व्यवसाय या व्यक्ति के पास नियमित रूप से आने वाली नकदी (कैश फ्लो) कितनी है। यदि किसी व्यवसाय का नकदी प्रवाह अच्छा है और उनके पास पर्याप्त फंड है, तो उन्हें लोन मिलने की संभावना अधिक होती है।
व्यवसाय की लोन चुकाने की क्षमता यानी पुनर्भुगतान क्षमता भी टर्म लोन को प्रभावित करती है। बैंक यह देखते हैं कि उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति कितनी मज़बूत है और वह लोन को समय पर चुका सकेगा या नहीं।
ये सभी कारक टर्म लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करते हैं। यदि उधारकर्ता की साख, नकदी प्रवाह और पुनर्भुगतान क्षमता बेहतर होती है, तो उसे कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। वहीं यदि किसी व्यवसाय का वित्तीय जोखिम अधिक होता है, तो उन्हें अधिक ब्याज दर पर लोन दिया जाता है।
टर्म लोन सुरक्षित और असुरक्षित दोनों तरह का लोन होता है।
इसका मतलब है कि यदि आप लोन लेते समय अपनी कोई वस्तु गिरवी रखना चाहें, तो वह रख सकते हैं।
ऐसा करने पर यह सुरक्षित टर्म लोन कहलाता है।
और यदि आप चाहें तो बिना कुछ गिरवी रखे भी टर्म लोन ले सकते हैं। इसे असुरक्षित टर्म लोन कहते हैं।
टर्म लोन को एक तय समय के अंदर चुकाना होता है।
यह समय आमतौर पर 1 से 10 साल होता है।
इस लोन की रकम को आप हर महीने किश्तों में चुकाते हैं।
अगर आपकी वित्तीय स्थिति खराब हो जाती है, तो आप ऋणदाता से अधिक समय मांग सकते हैं।
टर्म लोन की राशि और ब्याज दर आपकी जरूरतों पर निर्भर करती हैं।
ऋणदाता आपकी क्रेडिट प्रोफाइल और लोन राशि के आधार पर ब्याज दर तय करते हैं।
कुछ मामलों में टर्म लोन को ऋणदाता की शर्तों के अनुसार इक्विटी (शेयर) में भी बदला जा सकता है।
अगर आप लोन की किश्तें समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपको लेट फी / विलंब शुक्ल या जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर लोन की कुछ राशि बिना इस्तेमाल के रह जाती है, तो उस पर शुल्क लगता है।
किसी प्रकार के टर्म लोन में लोन लेने के बाद 1-2 साल की छूट अवधि होती है। इसके बाद आपको लोन राशि चुकानी होती है।
टर्म लोन को आप मासिक, तिमाही और अर्धवार्षिक आधार पर चुका सकते हैं। वाणिज्यिक बैंकों का टर्म लोन आमतौर पर तिमाही (हर तीन महीने) किश्तों में चुकाना होता है, जबकि वित्तीय संस्थानों का अर्धवार्षिक (हर छह महीने) किश्तों में चुकाया जाता है।
समय के साथ ब्याज और किश्तों का बोझ कम होता जाता है। ब्याज की दरें घटती हैं, लेकिन मूलधन की किश्तें समान रहती हैं।
फायदे | नुकसान |
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कम ब्याज दरें, अधिक लोन राशि टर्म लोन में आप बड़ी राशि अपेक्षाकृत कम ब्याज दर पर ले सकते हैं। इसका मतलब है कि यह लोन आपके लिए सस्ता पड़ सकता है। |
अधिक समय टर्म लोन की पुनर्भुगतान अवधि अधिक होती है, इसलिए आपको लंबे समय तक EMI देनी पड़ती है। इसका मतलब है कि आप हर महीने एक तय राशि चुकाते हैं और यह प्रक्रिया कई वर्षों तक चलती है। |
ब्याज पर टैक्स लाभ टर्म लोन पर चुकाया गए ब्याज पर कर (टैक्स) नहीं लगता। यह टैक्स डिडक्टिबल होता है। इसका मतलब है कि आप चुकाए गए ब्याज पर टैक्स में रियायत पा सकते हैं और इससे आपका कुल टैक्स कम हो जाता है। |
उच्च क्रेडिट स्कोर की जरूरत टर्म लोन लेने के लिए आपका क्रेडिट स्कोर यानी CIBIL स्कोर अच्छा होना चाहिए। उच्च क्रेडिट स्कोर यह दिखाता है कि आप पहले भी समय पर अपने लोन चुकाते रहे हैं। इससे लोन लेना आसान हो जाता है। |
आसान नियम और शर्तें टर्म लोन की शर्तें और नियम आसान होते हैं। इसका मतलब है कि आप अपनी जरूरतों के अनुसार ऋणदाता से बातचीत कर सकते हैं और अपने लोन की शर्तें अपने हिसाब से सेट कर सकते हैं। |
जुर्माना अगर आप लोन की EMI समय पर नहीं चुकाते हैं, तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। इसका मतलब है कि आपको अतिरिक्त पैसे चुकाने होंगे। |
आइये, अब टर्म लोन की एलिजिबिलिटी जानें -
आयु - टर्म लोन लेने के लिए आपकी उम्र कम से कम 18 साल और अधिकतम 65 साल होनी चाहिए। उम्र 18 से कम और 65 से अधिक होने पर आपको लोन नहीं मिलेगा।
पुनर्भुगतान इतिहास - आपका पुनर्भुगतान इतिहास अच्छा होना चाहिए, यानी आपने अपने पहले के लोन समय पर चुकाए हों। इसके साथ ही आपकी ऋण योग्यता भी अच्छी होनी चाहिए।
क्रेडिट स्कोर - आपके क्रेडिट स्कोर (CIBIL स्कोर) को 750 या उससे अधिक होना चाहिए। उच्च क्रेडिट स्कोर यह दिखाता है कि आप विश्वसनीय उधारकर्ता हैं और समय पर अपने ऋण चुकाते हैं।
आय का नियमित स्रोत - नियमित आय का स्रोत होना चाहिए। इसका मतलब है कि आप नियमित रूप से पैसे कमाते हों जैसे नौकरी या व्यवसाय आदि के जरिए।
डिफॉल्ट - आप पहले कभी किसी भी वित्तीय संस्थान में डिफॉल्ट न हुए हों। इसका मतलब है कि आपने अपने पिछले लोन समय पर चुकाए हों।
नौकरीपेशा
स्टार्ट-अप या उद्यमी
स्वरोजगार करने वाले
व्यापारी
निर्माता
एनजीओ आदि
टर्म लोन व्यवसायों और व्यक्तियों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करता है। अलग-अलग बैंकों में इसकी ब्याज दरें भिन्न हो सकती हैं। हर बैंक अपनी नीतियों के अनुसार ब्याज दर तय करता है। आपके लोन की ब्याज दर आपकी प्रोफाइल, व्यवसाय की जरूरतें, लोन के उद्देश्य आदि पर निर्भर करती हैं।
कई बैंक और वित्तीय संस्थान जैसे कि मनीव्यू (Moneyview) सभी प्रकार के व्यवसायों और व्यक्तियों को अलग-अलग ब्याज दरों पर टर्म लोन देते हैं।
यदि आप तय मानदंडों को पूरा करते हैं, तो विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों से टर्म लोन ले सकते हैं।
मनीव्यू (Moneyview) एप पर आप 10 लाख रुपए तक का लोन बड़े आसानी से ले सकते हैं। मनीव्यू (Moneyview) एप 10% वार्षिक ब्याज दर पर लोन देता है।
यदि आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक और 65 वर्ष से कम है, आपका क्रेडिट स्कोर 750 या उससे अधिक है और आपके पास आय का स्थिर और नियमित स्रोत है, तो आप टर्म लोन ले सकते हैं।
हालांकि इसके साथ ही आपका लोन चुकाने का अच्छा रिकॉर्ड होना चाहिए, यानी आपने अपने पिछले लोन को समय पर चुकाया हो और आप किसी वित्तीय संस्थान में डिफॉल्ट न हुए हों।
नियमित और स्थिर आय वाला कोई भी व्यक्ति या व्यवसाय टर्म लोन ले सकता है। जैसे डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट या अन्य पेशेवर जो अपने कार्यक्षेत्र में विस्तार करना चाहते हैं, टर्म लोन का ले सकते हैं।
इसके साथ ही नौकरीपेशा व्यक्ति जिन्हें अपनी व्यक्तिगत ज़रूरतों जैसे घर खरीदने, कार खरीदने या बड़े खर्चों के लिए पैसे चाहिए हों, टर्म लोन ले सकते हैं।
किसान भी कृषि से जुड़े कार्यों जैसे मशीनरी खरीदना, फसल की पैदावार बढ़ाना आदि के लिए टर्म लोन ले सकते हैं। विभिन्न कंपनियां और सहकारी संस्थाएं अपने वित्तीय विस्तार या अन्य जरूरतों के लिए टर्म लोन ले सकती हैं।
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