अगर आप चाहते हैं कि पैसा सेव हो और उसे बढ़ाया जा सके तो इसके लिए पैसे को सही तरह से इन्वेस्ट करना बेहद ज़रूरी है। पैसे की इन्वेस्टमेंट के अलग अलग तरीके होते हैं जिनमें से कुछ तरीके ऐसे हैं जिनमें इन्वेस्टमेंट करने से रिस्क रहता है जैसे की म्यूच्यूअल फंड्स आदि। फिक्स्ड डिपॉजिट इन्वेस्टमेंट का एक ऐसा तरीका है जिसमें रिस्क कम रहता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में आप एक अमाउंट अपने हिसाब से एक टेन्योर के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं और आपको उसपर ब्याज दिया जाता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट अपने पैसों को इन्वेस्ट करने और बढ़ाने का एक तरीका है जो बैंक और फाइनेंसियल और नॉन फाइनेंसियल संस्थान देते है। इसमें आपको एक अमाउंट एक निश्चित अवधि के लिए डिपॉजिट करना रहता है और उस समय के लिए आपको उस अमाउंट पर ब्याज मिलता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में मिलने वाला ब्याज सामान्य सेविंग्स एकाउंट्स से ज्यादा होता है। एक बार टेन्योर खत्म होने पर आप पूरा पैसा निकाल सकते हैं। इसके अलावा आपके पास एक और विकल्प रहता है जिसमें आप दोबारा पूरा पैसा रिइन्वेस्ट कर सकते हैं।
सभी कमर्शियल बैंक और कुछ NBFC( नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी) और HFC(हाउसिंग फाइनेंस कंपनी)( भी इंडिया में फिक्स्ड डिपॉजिटका आप्शन देते हैं।अगर आप बैंक के अलावा NBFC या HFC में FD करना चाहते हैं तो पहले CRISIL(Credit Rating Information Services) की दी गई रेटिंग्स चेक कर लेने चाहिए। इससे आपको यह अंदाज़ा हो जाता है कि आप जहाँ पैसा इन्वेस्ट कर रहे हैं वहां पैसा इन्वेस्ट करना सुरक्षित भी है या नहीं।
सरकारी बैंक के मुकाबले प्राइवेट बैंक और संस्था कई बार ज्यादा इंटरेस्ट देते हैं।
FD की निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
FD में आप 1 दिन से लेकर कई साल तक का टेन्योर चुन सकते हैं और उसी के हिसाब से ब्याज का अमाउंट भी बढ़ जाता है।
इन्वेस्टमेंट पर मिलने वाला रिटर्न आप चार माह, मासिक या सालाना भी ले सकते हैं।
सीनियर सिटीजन को फिक्स्ड डिपॉजिट में बाकि लोगों के मुकाबले ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है।
आप चाहे तो FD अकाउंट से पार्शियल या पूरा पैसा निकाल सकते हैं।
टैक्स की धारा 80C के तहत FD में इन्वेस्ट करने से टैक्स की बचत होती है।
एक बार जब इन्वेस्टमेंट का टेन्योर पूरा हो जाता है तो उसके बाद आप उस पैसे को रिइन्वेस्ट कर सकते हैं।
FD के एवज में आप लोन भी ले सकते हैं।
अगर आप ज्यादा समय के लिए FD में इन्वेस्ट करते हैं तो आपको ज्यादा ब्याज मिलता है।
इसमें पैसों के नुकसान होने का दर नहीं होता है और ना ही रिटर्न मार्किट से जुड़े होते हैं।
इमरजेंसी की स्थिति में आप FD होने पर लोन ले सकते हैं।
इसमें की गई इन्वेस्टमेंट सेफ होती है क्योंकि सभी बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल संस्थाओं की RBI जांच करती है।
इसमें आप समय से पहले भी पैसा निकाल सकते है, इसलिए मुसीबत के समय यह सही रहती है।
FD लॉन्ग टर्म और शोर्ट टर्म दोनों गोल्स के लिए सही रहता है जैसे कि ट्रेवल, शादी या कोई भी गैजेट आदि लेने के लिए.
Moneyview से Fixed Deposits करवाने के फायदे
Moneyview में आप RBI से एप्रूव्ड अलग अलग बैंकों में FD की दरों की तुलना कर सकते हैं और विभिन्न बैंक और NBFC में फिक्स्ड डिपॉजिटकरवा सकते हैं।
-यहाँ पर आप 1,000 रूपये की भी FD करवा सकते हैं।
-एप्लीकेशन के माध्यम से पैसा आसानी से निकाला जा सकता है।
-इसमें आपकी FD इंस्टेंट बुक हो जाती है और आपको किसी भी पेपरवर्क या बैंक अकाउंट की ज़रूरत नहीं पड़ती है।
-आपकी FD DICGC द्वारा इन्सुरेड रहती है (5 लाख तक)
साथ ही अगर आप Moneyview के माध्यम से FD करवाते हैं तो किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगता है।
फिक्स्ड डिपॉजिट आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से कर सकते हैं:
बैंक अकाउंट में लोग इन करें।
Fixed deposit आप्शन पर जाएँ
‘Open FD’ आप्शन पर जाएँ
दिया गया ऑनलाइन फॉर्म भरें
सभी माँगे गए डाक्यूमेंट्स अपलोड करें।
इसके बाद आप निर्धारित अमाउंट ट्रान्सफर करते हुए इन्वेस्ट कर सकते हैं।
अपने आस पास के बैंक को विजिट करें।
दिया गया एप्लीकेशन फॉर्म भर दें।
माँगे गए सभी डाक्यूमेंट्स साथ में लगा दें।
जितना भी अमाउंट आप इन्वेस्ट करना चाहते हैं उस अमाउंट का चेक बैंक में जमा करवा दें।
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आप 3 मिनट में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में इन्वेस्ट कर सकते हैं वो भी बिना नया बैंक खाता खोलें, इसके लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स फॉलो करने हैं:
Moneyview ऐप डाउनलोड करें और Aadhaar से जुड़े मोबाइल नंबर से लॉगिन करें।
Superhome पर फिक्स्ड डिपॉजिट कार्ड पर क्लिक करें।
अपनी फाइनेंसियल जरूरतों के हिसाब से RBI-एप्रूव्ड बैंकों और NBFCs में से FD चुनें।
अपनी आइडेंटिटी वेरिफिकेशन करने के लिए PAN, Aadhaar, आदि की डिटेल्स दें।
अपने बैंक अकाउंट की डिटेल्स दें ; FD का पैसा समय पूरा होने पर या पार्शियल निकालने के समय इसी अकाउंट में जमा होता है ।
UPI या नेटबैंकिंग का उपयोग करके अपना भुगतान पूरा करें।
Disclaimer
The starting interest rate depends on factors such as credit history, financial obligations, specific lender's criteria and Terms and conditions. Moneyview is a digital lending platform; all loans are evaluated and disbursed by our lending partners, who are registered as Non-Banking Financial Companies or Banks with the Reserve Bank of India.
This article is for informational purposes only and does not constitute financial or legal advice. Always consult with your financial advisor for specific guidance.
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